गौतम अडानी (Gautam Adani) बने दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति (third richest person in the world), ऐसा करने वाले पहले एशियाई |
भारत के बाहर लोगों ने कुछ ही साल पहले गौतम अडानी के बारे में सुना था।
लेकिन भारतीय व्यवसायी, एक कॉलेज ड्रॉपआउट जिसने कोयले की खदानों की ओर रुख करने से पहले हीरा व्यापारी के रूप में अपनी किस्मत आजमाई, इस हफ्ते दुनिया का तीसरा सबसे अमीर व्यक्ति बन गया।
यह पहली बार है जब कोई एशियाई व्यक्ति ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के शीर्ष तीन में शामिल हुआ है – भारतीय नागरिक और बिजनेसमैन मुकेश अंबानी और चीन के जैक मा भी अभी तक इस जगह नहीं पहुंच पाए थे |
अभी पिछले हफ्ते ही हमने दुनिया के दस सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची बनायीं थी जिसमे गौतम अडानी चौथे नंबर पर थे |
लेकिन अब 137.4 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ, अदानी ने फ्रांस के बर्नार्ड अरनॉल्ट को पीछे छोड़ दिया है और तीसरे स्थान पर पहुंच गए है |
वह अब रैंकिंग में केवल अमेरिका के एलोन मस्क (Alon Musk) और जेफ बेजोस (Jeff Bezos) से पीछे हैं।
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कितना बड़ा है गौतम अडानी का व्यापार समूह
60 वर्षीय अडानी ने पिछले कुछ वर्षों में अपने कोल-टू-पोर्ट्स समूह का विस्तार करते हुए डेटा सेंटर से लेकर सीमेंट, मीडिया और एल्युमिना तक हर चीज में कदम रखा है।
समूह अब भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बंदरगाह और हवाई अड्डे के संचालक, शहर-गैस वितरक और कोयला खनिक का मालिक है।
जबकि ऑस्ट्रेलिया में उनकी कारमाइकल खदान की पर्यावरणविदों द्वारा आलोचना की गई है|
वही इन्होने नवंबर में दुनिया की सबसे बड़ी अक्षय-ऊर्जा उत्पादक बनने के लिए हरित ऊर्जा में $ 70 बिलियन का निवेश करने का वादा किया।
उनका तेजी से बढ़ता व्यापार साम्राज्य दुनिया के सबसे बड़े समूहों में से एक बन गया है, जो धन में उल्लेखनीय लाभ को बढ़ावा दे रहा है, लेकिन तेजी से हो रहे विकास पर चिंताएं भी बढ़ गई हैं।
क्रेडिटसाइट्स ने इस महीने एक रिपोर्ट में कहा है कि अदानी के सौदों की होड़ मुख्य रूप से कर्ज के साथ वित्त पोषित की गई है अर्थात इससे कर्ज़ को भी बढ़ावा मिल रहा है |
क्या है विशेषज्ञों की राय
वहीँ बाजार पर नजर रखने वालों ने अपारदर्शी शेयरधारक संरचनाओं और अदानी समूह की कंपनियों में विश्लेषक कवरेज की कमी पर भी चिंता जताई है।
फिर भी शेयरों में वृद्धि हुई है | उनमें से कुछ 2020 के बाद से 1,000% से अधिक बढे है |
पिछले कुछ समय मे भारतीय बिज़नेस टाइकून ने उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है जो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भारत के दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।
हरित ऊर्जा और बुनियादी ढांचे की धुरी ने वारबर्ग पिंकस और टोटलएनर्जीज एसई सहित फर्मों से निवेश लिया है, जिससे अदानी को पहले यूएस टेक मोगल्स के वर्चस्व वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने में मदद मिली है।
वही हाल के महीनों में कोयले में उछाल ने उनकी सफलता वृद्धि को और तेज कर दिया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार अडानी ने अकेले 2022 में अपने संपत्ति में 60.9 बिलियन डॉलर जोड़े हैं, जो किसी और की तुलना में पांच गुना अधिक है।
उन्होंने पहली बार फरवरी में अंबानी को सबसे अमीर एशियाई के रूप में पछाड़ दिया |
अप्रैल में 100 बिलियन डॉलर से अधिक के मालिक बने और पिछले महीने दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के बिल गेट्स को पीछे छोड़ दिया।
बिल गेट्स ने दान दी है अपनी बड़ी संपति
वहीँ बिल गेट्स ने बताया था के जुलाई में उन्होंने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को 20 बिलियन डॉलर ट्रांसफर किया है , जबकि वॉरेन बफेट पहले ही 35 बिलियन डॉलर से अधिक चैरिटी को दान कर चुके हैं।
गेट्स की पूर्व पत्नी मेलिंडा फ्रेंच गेट्स के साथ, दोनों ने 2010 में गिविंग प्लेज पहल की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने अपने जीवन में अधिकांश कमाई को समाज के उत्थान के लिए देने का संकल्प लिया।
परोपकार पर खर्च किए गए अरबों डॉलर ने उन्हें ब्लूमबर्ग की संपत्ति रैंकिंग में नीचे धकेल दिया है। वे अब क्रमशः पांचवें और 164वें स्थान पर हैं।
अडानी ने भी अपने धर्मार्थ दान में वृद्धि की है, जून में अपने 60 वें जन्मदिन पर उन्होंने सामाजिक विकास और उत्थान के लिए 7.7 अरब डॉलर दान करने का संकल्प लिया है।